Monika garg

Add To collaction

लेखनी कहानी -14-Nov-2022# यादों के झरोखों से # मेरी यादों की सखी डायरी के साथ

प्रिय सखी,
              कैसी हो। मै अच्छी हूं। कल तो मैंने तुम्हारे आगे अपने मन की भड़ास निकाल ही ली। औरतों का सम्मान है कहां? मुझे तो कहीं नही लगता। हर परिस्थिति मे एक मर्द एक औरत को कभी आगे बढता हुआ नही देख सकता बराबर के भाई बहन होंगे और अगर बहन पढ़ाई मे आगे होगी तो वो भाई कभी मां के आगे भला बन कर कभी बाप के आगे भला बनकर उस बहन को नीचा दिखाएगा ही।ऐसे ही आफिस वगैरह मे औरतों को वो काम नही मिलता जो एक मर्द को मिलता है।
अब हमारी ही बात ले लो हमारे पतिदेव को लिखना नही आता उनकी भरपूर कोशिश होती है कि मैं ना लिखूं।
हमारा समाज है ही संकीर्ण मानसिकता रखने वाला।अभी एक बात याद आ रही है मेरे कालेज के दिनों की।कालेज मे यूथ फेस्टिवल हुआ था तो मैंने और बहुत सी गर्ल्स ने स्टेज मेंनटेन किया था तो हमे कालेज की तरफ से एक फ्री ट्रीप पर ले गये थे। ट्रीप से वापसी हमारी रात डेढ़ बजे हुई कालेज बस ने हमे कालेज मे उतार दिया सर्दी की रात । आसपास की लड़कियां तो अपने घर चली गयी हम पांच छः लड़कियां पूरे कालेज मे रह गयी।सुबह के साढ़े तीन बजे तक तो हम कालेज मे बैठे रहे अभी दिन निकलने मे तीन चार घंटे बाकि थे मैंने सभी लड़कियों से बोला  हम सब चले घर ।हमारा कालेज घर से एक डेढ़ किलोमीटर दूर था बीच मे बाजार पड़ता था।सभी लड़कियां बोली तुम चली जाओ गी डर नही लगेगा।
सभी लड़कियां मुझे बोली तुम चली जाओ गी हमे साथ लेकर इतनी दूर बीच मे बाजार भी पड़ता है।अगर कोई छुपा हुआ तो । मैंने कहा ,"तुम लोग मेरी चिंता मत करो बस तुम लोग बताओं तुम चलोगी सभी साथ।"
वे भी सारा दिन घुम घुम कर थक गयी थी सो वे बोली हम तैयार है। मैंने उन्हें बस ये कहा की कोई भी लड़की हंसते हुए या जोर से बोलते हुए नही चलेगी।वे सब मान गयी 
यकीन मानो सखी मात्र पंद्रह मिनट में हम सब लड़कियां अपने अपने घर थी।हमारे मायके मे गली मे मंदिर है लोग चार बजे उठ जाते है कुछ औरते घर के आगे झाड़ू बुहारी कर रही थी सभी मुझे देख कर चौंक गयी।अगर अकेली लड़की या औरत देर रात या जल्दी सुबह अगर कही से आ रही हो तो लोग उसकी बहादुरी की तारीफ नही करेंगे उसके चरित्र पर शक अवश्य करेंगे। मैं तो घर आकर सो गयी जब अगले दिन मै दोपहर मे उठी तो मेरी मम्मी बता रहे थे कि सारी गली पूछ रही थी कि तुम्हारी बिटिया आज तो सुबह सुबह आ रही थी कही से।मेरी मां बोली शेरनी की बेटी है किसी से नही डरती।अब तुम ही बताओ सखी क्या उस वक्त कोई लडका या मर्द कही से आ रहा होता तो कोई पूछता नही बिल्कुल नही।फिर किस बात का वुमनस डे।असली तो तब बनेगा जब बेखौफ औरत आये जाएगी अपने अधिकार का प्रयोग करें गी क्यूं ठीक कहा ना अब अलविदा।

   14
2 Comments

Gunjan Kamal

06-Dec-2022 03:02 PM

👏👌🙏🏻

Reply

Khan

29-Nov-2022 05:56 PM

बेहतरीन🌺🌸👌

Reply